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तीन ऐसे मौके जब टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाज के 200 रन बनाने पर गेंदबाज ने लिए दस से ज्यादा विकेट

भारत बनाम इंग्लैंड वानखेड़े टेस्ट में विराट के दोहरे शतक बनाने के साथ अश्विन ने लिए थे 12 विकेट।

user-circle cricketcountry.com Written by Gunjan Tripathi
Last Updated on - December 14, 2016 8:16 PM IST

इंग्लैंड के खिलाफ वानखेड़े टेस्ट में जीत के नायक रहे थे कोहली-अश्विन।  © AFP
इंग्लैंड के खिलाफ वानखेड़े टेस्ट में जीत के नायक रहे थे कोहली-अश्विन। © AFP

भारत बनाम इंग्लैंड वानखेड़े टेस्ट में भारत ने शानदार जीत हासिल की और इसी के साथ सीरीज पर भी कब्जा कर लिया। इस मैच में भारतीय टीम ने कई सारे रिकॉर्ड बनाए, जहां एक तरफ कप्तान विराट कोहली ने अपना तीसरा दोहरा शतक लगाया और ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज बन गए। वहीं कोहली ने भारतीय टेस्ट कप्तान द्वारा बनाए सर्वीधक 224 रनों का महेंद्र सिंह धोनी का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इसी के साथ कोहली इंग्लैंड के खिलाफ सर्वाधिक रन बनाने वाले भारतीय भी बन गए, उनसे पहले यह रिकॉर्ड विनोद कांबली के नाम था जिन्होंने 1993 में इंग्लैंड के खिलाफ 224 रनों की पारी खेली थी। ये भी पढ़ें: गौतम गंभीर ने कहा महेंद्र सिंह धोनी के साथ नहीं है कोई दुश्मनी

इस मैच में जयंत यादव ने भी अपने करियर का पहला शतक लगाया। जयंत ने कोहली के साथ बल्लेबाजी करते हुए 204 गेंदों में 104 रनों की शानदार पारी खेली। वहीं रवींद्र जडेजा ने भी इस मैच में अपने 100 टेस्ट विकेट पूरे किए और इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक को इस सीरीज में खेले गए चार मैचों में चार बार आउट करने का कीर्तिमान भी हासिल किया। यहां अगर हम रविचंद्रन अश्विन की बात न करें तो भारतीय टीम अधूरी रहेगी। अश्विन ने इस मैच में कुल 12 विकेट लिए और इस सीरीज के सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए लेकिन एक और खिताब है जो कोहली और अश्विन दोनों ने एक साथ हासिल किया। दरअसल वह खिताब है बल्लेबाज के 200 बनाने पर गेंदबाज के 10 से ज्यादा विकेट लेने का। मुंबई टेस्ट में कोहली ने 235 रन बनाए थे और अश्विन ने दोनों पारियों को मिलाकर कुल 12 विकेट लिए थे। ऐसा भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार नहीं हुआ बल्कि इससे पहले दो टेस्ट मैचों में ऐसा हो चुका है। ताज्जुब की बात तो यह है कि अश्विन ने यह कारनामा दो बार किया है। ये भी पढ़ें: आईसीसी वीमैन टीम ऑफ द ईयर में अकेली भारतीय खिलाड़ी बनीं स्मृति मंधाना

साल 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में तत्कालीन टेस्ट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अश्विन के साथ मिलकर यह कारनामा किया था। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले मैच में टॉस जीतकर कंगारू टीम ने बल्लेबाजी का फैसला किया था। कप्तान माइकल क्लॉर्क के अलावा कोई भी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया था। अश्विन ने रिकॉर्ड सात विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया की पारी को 380 पर समेट दिया था। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने 196 पर चार विकेट खो दिए, जिसके बाद धोनी क्रीज पर आए और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 265 गेंदों में 224 रन जड़ दिए। धोनी ने इस पारी में 24 चौके और छह छक्के लगाए और भारतीय टेस्ट कप्तान द्वारा बनाए सर्वाधिक रनों का रिकॉर्ड बनाया। वहीं दूसरी पारी में भी अश्विन की घातक गेंदबाजी जारी रही और ऐश के पांच विकेट हॉल की बदौलत कंगारू पारी 241 पर ऑल आउट हो गई। भारत वह मैच आठ विकेट से जीत गया था। उस मैच में धोनी के 224 रनों की शानदार पारी पर अश्विन के 12 विकेटों ने चार चांद लगा दिए थे। ये भी पढ़ें: भारत बनाम इंग्लैंड चेन्नई टेस्ट के लिए गर्म कोयले से सुखाई जा रही है पिच

ऐसा नहीं है कि यह कारनामा केवल धोनी, कोहली और अश्विन ने ही किया है, इस सूची में वेरी स्पेशल लक्ष्मण और मिस्टर टरबनेटर का नाम भी शामिल हैं। साल 2001 में स्टीव वॉ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया टीम भारत में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेलने आई थी। उस सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में वीवीएस लक्ष्मण और हरभजन सिंह ने इसे अंजाम दिया था। सौरव गांगुली की कप्तानी में कोलकाता के ईडन गार्डन में खेले जा रहे इस मैच में भी ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता था और पहले बल्लेबाजी का चुनाव किया था। स्टीव वॉ ने जहां शानदार शतक जड़ा था वहीं मैथ्यू हैडन ने भी अहम 97 रन बनाए थे। लेकिन हरभजन सिंह ने सात विकेट लेकर कंगारू टीम को 500 का जादूई आंकड़ा पार करने नहीं दिया। इसी मैच में भज्जी ने पहली टेस्ट हैट्रिक भी ली थी। 445 रन के जवाब में भारत की टीम 171 पर ही ऑल आउट हो गई और इसका श्रेय जाता है ग्लेन मैग्ग्रा की बेहतरीन गेंदबाजी को। भारत पर फॉलो ऑन का खतरा था और ऐसे मुश्किल समय में संघर्षपूर्ण बल्लेबाजी की वीवीएस लक्ष्मण ने और दोहरा शतक जमाया। लक्ष्मण ने 452 गेंदों में बिना कोई छक्का जड़े 281 रन जमा दिए और उनका साथ दिया मिस्टर डिपेंडेबल यानि कि राहुल द्रविड़ ने, जिन्होंने 180 रन बनाए लेकिन रन आउट होकर वह दोहरे शतक से चूक गए। वहीं ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में हरभजन ने छह विकेट चटकाए और 212 पर टीम को ऑल आउट कर दिया। भारत यह मैच 171 रनों से जीत गया। एक समय जो मैच हार के करीब था उसे वीवीएस के दोहरे शतक और हरभजन के 13 विकेटों ने बचाया। ये भी पढ़ें: चेन्नई में 4-0 से टेस्ट सीरीज जीतेगा भारत: रविचंद्रन अश्विन

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भारत 16 दिसंबर को चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी टेस्ट खेलेगा। इस मैच में अश्विन और कोहली दोनों के पास मौका है इस करिश्मे को दोहराने का। चेपॉक पर अब तक वीरेंद्र सहवाग के बनाए 309 रन सर्वाधिक स्कोर हैं। तीन दोहरे शतक बनाने के बाद फैंस भी अब कोहली के तिहरे शतक की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं अश्विन जिस तरह की फॉर्म में हैं, दस विकेट लेना तो बनता ही है।