Gunjan Tripathi
गुंजन त्रिपाठी क्रिकेटकंट्री हिंदी की रिपोर्टर हैं
Written by Gunjan Tripathi
Last Published on - December 16, 2016 1:53 PM IST
भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का पांचवा और आखिरी मैच चेन्नई के मशहूर एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जा रहा है। भारतीय टीम 3-0 से सीरीज जीत चुकी है और यह आखिरी मैच जीतकर ब्लू ब्रिगेड 2012 में मिली हार का बदला लेना चाहेगी। चेन्नई के इस चेपॉक स्टेडियम में भारत कुल आठ बार इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट खेल चुका है जिसमें तीन बार भारत और तीन बार इंग्लैंड मैच जीती जबकि दो मैच ड्रॉ रहे। हर बार जब भारत ने इंग्लैंड का सामना चेन्नई के मैदान पर किया है एक बेहद रोमांचक मुकाबला हुआ है इन्हीं में से एक है साल 2008 का वह मैच जब भारत की सबसे सफल सलामी जोड़ी सचिन तेंदुलकर–वीरेंद्र सहवाग ने बेहतरीन पारी खेल कर इंग्लैंड के खेमे से जीत छीन ली थी। ये भी पढ़ें: भारत बनाम इंग्लैंड पांचवे टेस्ट का फुल स्कोरकार्ड यहां देखें
साल 2008 में केविन पीटरसन की कप्तानी में इंग्लैंड टीम भारत दौरे पर आई थी। मुंबई के ताज होटल में हुए आंतकी हमले के बाद भारत को असुरक्षित माना जा रहा था इस वजह से इंग्लैंड अपना दौरा रद्द करना चाहती थी लेकिन फिर इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड केवल दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने के लिए भारत आने को राजी हो गया। 26/11 हमलों के दो हफ्ते बाद ही 11 दिसंबर को चेपॉक के मैदान पर महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट खेलने उतरी। इंग्लैंड की टीम में एंड्यू स्ट्रॉस, एलिस्टेयर कुक, पॉल कॉलिंगवुड, जेम्स एंडरसन, मोंटी पनेसर जैसे खिलाड़ी थी वहीं स्पिनर ग्रीम स्वॉन का यह डेब्यू टेस्ट मैच था। दूसरी तरफ भारतीय टीम में सचिन, सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़, जहीर खान, युवराज सिंह और हरभजन सिंह जैसे सीनियर खिलाड़ी थे तो अमित मिश्रा और ईशांत शर्मा जैसे युवा गेंदबाज भी थे। जैसा कि आज के मैच में दोनों टीमों ने मैच शुरू होने से पहले दिवंगत सीएम जे जयललिता की आत्मशांति के लिए मौन रखा वैसे ही उस दिन का खेल भी ताज आतंकी हमले में जान गंवा चुके मासूम लोगों और शहीद जवानों को याद करके शुरू किया गया था। ये भी पढ़ें: भारत बनाम इंग्लैंड, पांचवा टेस्ट, पहला दिन(लाइव ब्लॉग): जो रूट का अर्धशतक, इंग्लैंड 100 के पार
उस दिन भी इंग्लैंड के कप्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का चुनाव किया था लेकिन उन्हें शायद नहीं पता था कि इस मैच का नतीजा उनके पक्ष में नहीं जाने वाला। पहली पारी में इंग्लैंड की ओर से स्ट्रॉस ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 233 गेंदों पर 123 रन बनाए। वहीं कुक ने भी अर्धशतक जमाया लेकिन और कोई बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल सका। इंग्लैंड की पारी 316 रनों पर खत्म हुई, भारत की ओर से हरभजन सिंह और अमित मिश्रा ने तीन-तीन विकेट लिए। अब भारत की बारी थी 316 रनों के स्कोर को पार कर बढ़त हासिल करने की। पहली पारी में भारत की बल्लेबाजी पूरी तरह फ्लॉप रही, कप्तान धोनी ने अर्धशतक जरूर लगाया लेकिन उनके अलावा कोई भी बल्लेबाज 40 का आंकड़ा पार नहीं कर पाया। नतीजतन भारतीय पारी 241 पर सिमट गई और भारत 75 रनों से पीछे रह गया। वहीं इंग्लैंड के एंडरसन और पनेसर ने कमाल की गेंदबाजी की। मोंटी पनेसर ने चार विकेट चटकाए तो वहीं एंडरसन ने भी तीन विकेट लिए। भारत पहले ही बैकफुट पर था उस पर अगली पारी में स्ट्रॉस ने एक और शतक जड़ा दिया और इस बार वह अकेले नहीं थे उनका साथ दिया कॉलिंगवुड ने। हालांकि जहीर खान के सात विकेटों की बदौलत और कोई इंग्लिश बल्लेबाज क्रीज पर टिक नहीं पाया। दोनों बल्लेबाजों ने 108 रनों की पारी खेली और इंग्लैंड का स्कोर 311 तक पहुंचाया। इंग्लैंड ने 386 रनों की विशाल बढ़त हासिल कर ली थी और अब भारत को जीत के लिए 387 रन बनाने थे। ये भी पढ़ें: आईपीएल 2017 में राइंजिंग पुणे सुपरजाइंट टीम से बाहर होंगे केविन पीटरसन और ईशांत शर्मा
भारत ने पहली पारी में बहुत खराब बल्लेबाजी की थी, शीर्ष क्रम, मध्य क्रम और निचला क्रम सभी फेल रहे थे लेकिन इस बार गलती की कोई गुंजाइश नही थी। भारत की ओर से सलामी बल्लेबाज करने आए सहवाग और गौतम गंभीर। इस बार दोनों सलामी बल्लेबाज क्रीज पर टिक गए और एक बढ़िया साझेदारी बनाई। सहवाग ने विस्फोटक बल्लेबाजी की, इस मैच में उनका स्ट्राइक रेट 122 का था जो टेस्ट का नहीं बल्कि वनडे या टी20 फॉर्मेट का ज्यादा लगता है। वीरू ने 68 गेंदों पर ताबड़तोड़ 83 रन बनाए, इस पारी में उन्होंने 11 चौके और चार छक्के लगाए। 23वें ओवर में पहला टेस्ट खेल रहे ग्रीम स्वॉन की आखिरी गेंद हल्का टर्न हुई और सहवाग पगबाधा आउट हुए और 117 से स्कोर पर भारत का पहला विकेट गिरा। हालांकि अपना शतक पूरा करने से पहले ही वह आउट हो गए लेकिन उन्होंने भारतीय पारी को एक ठोस शुरूआत दिलाई। सहवाग के जाने के बाद मैदान पर आए द्रविड़ जो कि इस पारी में कुछ खास नहीं कर पाए और केवल चार रन पर पवेलियन लौट गए। लगातार दो विकेट खोने के बाद स्टेडियम में भारतीय प्रशंसकों का शोर कम नहीं हुआ बल्कि और बढ़ गया क्योंकि अगले बल्लेबाज के रूप में मैदान पर आए मास्टर ब्लॉस्टर सचिन। वह पिछली पारी में 37 रन पर एंड्यू फ्लिंटॉफ की गेंद पर आउट हो गए थे लेकिन इस बार वह भारत को जीत तक पहुंचाने तक क्रीज पर खड़े रहे। सचिन ने आते ही आतिशी पारी खेलनी शुरू की। सचिन ने 196 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से 103 रन बनाए और विनिंग शॉट लगाकर ही मैदान से बाहर गए। वहीं युवराज सिंह ने भी इस मैच में नाबाद 85 रनों की पारी खेली थी। ये भी पढ़ें: भारत बनाम इंग्लैंड पांचवा टेस्ट: इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक ने पूरे किए 11,000 रन
इंग्लैंड के तीन दिन और दो सत्रों तक मैच में बढ़त बनाने के बावजूद सचिन-सहवाग ने आखिरी दिन मैच का रुख बदल दिया। क्रिकेट के तमाम दिग्गजों ने इसे दृढ़ विश्वास की जीत बताया। जब मैच भारत से कोसों दूर था और जीत की कोई उम्मीद नहीं थी ऐसे में सहवाग की 83 रनों की पारी में भारत को जीत की पहली झलक दिखाई और फिर तेंदुलकर ने इस सपने जैसे काम को सच कर दिखाया। इस मैच में सहवाग से ज्यादा रन कई और बल्लेबाजों ने बनाए लेकिन मैन ऑफ द मैच वीरू को ही मिला क्योंकि उन्होंने ऐसे समय में आकर एक अहम पारी खेली जब मैच पूरी तरह इंग्लैंड के पक्ष में था। भारत ने दो मैचों की यह सीरीज 2-0 सी जीत ली थी। चेन्नई के मैदान पर मिली यह जीत कई मायनों में खास थी। मुंबई में हुए उस दर्दनाक और निंदनीय हमले के बाद एक छोटी खुशी भारतीयों को मिली थी। मुंबई के रहने वाले सचिन ने इस मैच के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा था कि इस मैच में वह अपनी पूरी हिम्म्त से सिर्फ भारत के लिए खेले। उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कर रहा कि इससे भारत के लोग मुंबई हमले को भूल जाएंगे, मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि अगर उनकी खुशी के लिए हम कुछ भी कर सकते हैं तो हम पूरी कोशिश करेंगे। साथ ही मैं इंग्लैंड टीम का धन्यवाद कहना चाहूंगा कि वह यहां आए और हम सभी एक बेहतरीन मुकाबले के गवाह बनें।” इसके बाद भी चेन्नई में कई मुकाबले हुए पर यह मैच आज भी सभी के ज़हन में एक अच्छी याद बना हुआ है।
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