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पंजाब के खिलाफ मुकाबले से पहले दिल्ली को सुलझानी होगी घरेलू पिच की समस्याएं

दिल्ली टीम फिरोज शाह कोटला में खेले चार में से तीन मैच हारी है।

user-circle cricketcountry.com Written by Press Trust of India
Published: Apr 19, 2019, 04:46 PM (IST)
Edited: Apr 19, 2019, 04:46 PM (IST)

दिल्ली कैपिटल्स की टीम फिरोजशाह कोटला मैदान पर लगातार हार के बाद किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ शनिवार को होने वाले आईपीएल मैच में जीत की राह पर लौटने की कोशिश करेगी। दिल्ली की टीम मुंबई इंडियंस के खिलाफ गुरुवार को लगातार तीन मैचों में जीत के साथ उतरी थी और इस मैच में भी उसने अच्छी शुरुआत की थी।

मुंबई की पारी के आखिर ओवरों में हालांकि दिल्ली की टीम एक बार फिर राह से भटक गई। इसका अहम कारण ये है कि दिल्ली कैपिटल्स की टीम अब तक अपने घरेलू मैदान से सामंजस्य नहीं बैठा पाई है। दर्शकों के समर्थन और हौसला अफजाई का भी कोच रिकी पोंटिंग और मेंटर सौरव गांगुली की टीम को फायदा नहीं मिल पा रहा है।

दिल्ली को अगर प्लेऑफ में जगह बनाने की उम्मीदों को इजाफा करना है तो घरेलू मैदान पर बाकी बचे तीन मैचों में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। दिल्ली की टीम नौ मैचों में 10 अंक के साथ तीसरे स्थान पर है जबकि पंजाब की टीम के भी इतने ही मैचों में इतने ही अंक हैं लेकिन खराब नेट रन रेट के कारण टीम चौथे स्थान पर है। दोनों ही टीमें अब तक आईपीएल खिताब जीतने में नाकाम रही हैं और इस बार खिताब के सूखे को खत्म करना चाहेंगी।

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रविचंद्रन अश्विन की अगुआई वाली पंजाब की टीम आत्मविश्वास से भरी है और उसने तीन दिन पहले राजस्थान रॉयल्स को हराया था। क्रिस गेल, केएल राहुल, डेविड मिलर और मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ी घरेलू मैदान पर दिल्ली की कमजोरियों का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। अश्विन टीम की अगुआई काफी अच्छी तरह कर रहे हैं और ऐसे में पंजाब के लिए दिल्ली को हराना असंभव नहीं होगा।

श्रेयस अय्यर की टीम अपने घरेलू मैदान पर अब तक चार मैचों में सिर्फ एक जीत दर्ज कर पाई है और ये मैच भी टीम ने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ टाई होने के बाद सुपर ओवर में जीता था। विश्व कप टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे रिषभ पंत से दिल्ली को काफी उम्मीदें होंगी। वो मुंबई इंडियंस के खिलाफ हार के दौरान नाकाम रहे थे और अब वापसी करने की कोशिश करेंगे।

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पांड्या बंधुओं हार्दिक और क्रुणाल ने डेथ ओवरों में 19 गेंद में 54 रन जुटाए थे और दिल्ली के गेंदबाजों के सामने सबसे बड़ी चुनौती डेथ ओवरों की गेंदबाजी में सुधार करने की होगी। बल्लेबाजी में अनुभवी शिखर धवन और युवा पृथ्वी शॉ पर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने की जिम्मेदारी होगी। दिल्ली को अगर घरेलू मैदान पर हार के क्रम को तोड़ना है तो कप्तान अय्यर को भी मोर्चे से अगुआई करनी होगी।