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भारत अंडर-19 टीम के खाने का प्रबंध नहीं कर पा रही है बीसीसीआई

कोच राहुल द्रविड़ समेत खिलाड़ियों को खाने के लिए अपनी ओर से भुगतान करना पड़ रहा है।

user-circle cricketcountry.com Written by Gunjan Tripathi
Published: Feb 08, 2017, 03:43 PM (IST)
Edited: Feb 08, 2017, 03:43 PM (IST)

राहुल द्रविड़ भारत अंडर-19 टीम के कोच हैं  © AFP
राहुल द्रविड़ भारत अंडर-19 टीम के कोच हैं © AFP

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड आए दिन नए विवादों में फंसता नजर आता है। पहले लोढ़ा समिति और सर्वोच्च न्यायालय का विवाद अभी खत्म नहीं हुआ था कि एक और मामला सामने आ रहा है। दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड बीसीसीआई अंडर-19 टीम के लिए खाने का प्रबंध करने में असफल है। भारत की अंडर-19 टीम इस समय इंग्‍लैंड अंडर-19 टीम के खिलाफ वनडे सीरीज खेल रही है। हालांकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लागू सुधार और नियमों के कारण उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं राहुल द्रविड़ के साथ स्टॉफ को उनका दैनिक भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है। ये भी पढ़ें: एक मैच से दो सालों के प्रदर्शन को अनदेखा नहीं किया जा सकता: विराट कोहली

बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के को पद से हटाने के बाद से ही फंड प्रदान करने के फैसले लेने वाला कोई अधिकारी नहीं है। साथ ही नए नियमों के मुताबिक एक हफ्ते में केवल 24,000 रुपए ही खर्च किए जा सकते है। इस वजह से खिलाड़ियों को 15 दिन से उनका दैनिक भत्ता (6,800) नहीं मिल रहा है। यहां तक की खिलाड़ियों को अपने खाने के लिए भी स्वंय इंतजाम करना पड़ रहा है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक बीसीसीआई ने खिलाड़ियों से यह कहा है कि उनके पास कोई ऐसा अधिकारी नहीं है जो फंड प्रदान करने की अनुमति दे सके। सभी तरह के फंड के आदान प्रदान के लिए सचिव की अनुमति की आवश्यकत पड़ती है और इस समय बीसीसीआई में ना तो कोई सचिन नियुक्त है ना ही अध्यक्ष। ये भी पढ़ें: टी20 मैच में दिल्ली के मोहित अहलावत ने बनाए 300 रन

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अखबार से बात करते हुए टीम के एक सदस्य ने कहा, “हम किसी तरह से काम चला रहे हैं। मैच से दौरान भोजन मेहमान टीम द्वारा आयोजित होता है और नाश्ता होटल की तरफ से होता है। सबसे ज्यादा परेशानी रात के खाने को लेकर होती है। हम जिस होटल में रुके हैं वहां एक मामूली सैंडविच भी 1,500 रुपए की है। खिलाड़ियों के पास खाने के लिए बाहर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं हैं।”