Gunjan Tripathi
गुंजन त्रिपाठी क्रिकेटकंट्री हिंदी की रिपोर्टर हैं
Written by Gunjan Tripathi
Last Updated on - December 30, 2016 6:12 PM IST
क्रिकेट में आईपीएल के आने के बाद से बल्लेबाजों को लेकर दर्शकों में एक अलग ही उत्साह जग गया है। स्टेडियम में चौके छक्के देखकर सिवाय गेंदबाज के आखिर किसे मजा नहीं आता। इस बात में भारतीय दर्शक इस साल काफी भाग्यशाली रहे क्योंकि भारतीय बल्लेबाजों ने कुछ कमाल की पारियों साल 2016 को यादगार बना दिया। चाहे विराट कोहली हो, करुण नायर या फिर केएल राहुल पूरे साल भारतीय बल्लेबजों ने रनों की बारिश की है। भारत ने इस साल विदेशी दौरे तो कम किए लेकिन घरेलू जमीन पर कई धमाकेदार जीत हासिल की हैं। अर्धशतक और शतक तो जैसे पुरानी बात हो भारतीय बल्लेबाजों ने तो दोहरे और तिहरे शतक जड़े हैं। ये भी पढ़ें: साल 2016 में संन्यास लेने वाले क्रिकेटर
5-ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मनीष पांडे का शतक: भारत ने साल 2016 की शुरूआत ऑस्ट्रेलिया के दौरे से की थी। हालांकि इस दौरे पर भारत वनडे सीरीज में 4-1 से हार गया था लेकिन टी20 सीरीज 3-0 से जीतकर भारत ने अपना बदला भी ले लिया था। इस सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन लाजवाब रहा था। भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया पांचवे वनडे में भारत की ओर से युवा बल्लेबाज मनीष पांडे नाबाद शतकीय पारी खेलकर भारत को इस सीरीज में क्लीन स्वीप से बचाया था। इस सीरीज के अब तक खेले चारों मैच भारत रोहित शर्मा की बेहतरीन बल्लेबाजी के बाद भी हार गया था। ऐसे में क्लीन स्वीप के खतरे से बचने के लिए भारत को आखिरी वनडे जीतना जरूरी था। टॉस जीतकर भारत ने गेंदबाजी का फैसला किया था और पहले बल्लेबाजी करते हुए मेजबान टीम ने डेविड वॉर्नर और मिचेल मार्श के शतक की बदौलत 330 रनों का लक्ष्य खड़ा किया था। जवाब में भारत के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और रोहित शर्मा ने टीम को एक मजबूत शुरूआत दिलाई। भारत ने 100 रन के स्कोर पर कोई विकेट नहीं खोया था लेकिन 78 रन के स्कोर पर शिखर धवन कैच आउट हो गए। जिसके बाद मैदान पर आए उनके दिल्ली टीम के साथी खिलाड़ी विराट कोहली जो कि ज्यादा देर क्रीज पर न टिक सके और 8 रन बनाकर आउट हो गए। रोहित एक छोर से लगातार रन बना रहे थे और ऐसे में मनीष पांडे मैदान पर उतरे और आते ही विस्फोटक बल्लेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने 81 गेंदों में तेज शतक जड़ा दिया और भारत को जीत दिलाकर ही मैदान से बाहर आए। हालांकि रोहित शर्मा ने पूरी सीरीज में दो शतकों के साथ कई सफल पारियां खेली और मैन ऑफ द सीरीज रहे। लेकिन पांडे की यह पारी साल की यादगार पारियों में से है क्योंकि विदेशी जमीन पर किसी युवा बल्लेबाज की इस तरह की बल्लेबाजी हमेशा ही देखने को नहीं मिलती। ये भी पढ़ें: साल 2016 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने हासिल की बड़ी उपलब्धियां
4-मोहाली टेस्ट में रवींद्र जडेजा की 90 रनों की पारी: इंग्लैंड के भारत दौरे पर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज भारतीय टीम ने 4-0 से ऐतिहासिक जीत तो दर्ज ही की है लेकिन इसके साथ ही इस सीरीज में कई रिकॉर्ड बने हैं और बहुत सी शानदार पारियां देखने को मिली हैं। इन्हीं में से एक है मोहाली टेस्ट में रवींद्र जडेजा के 90 रन। सर जडेजा ने भारत बनाम इंग्लैंड तीसरे टेस्ट में 90 रनों का मैचविनिंग पारी खेली थी। इस बीच दर्शकों को उनकी तलवारबाजी का नमूना भी देखने को मिला था। जैसी कि परंपरा चलती आ रही है इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया लेकिन भारतीय गेंदबाजों के आगे इंग्लिश बल्लेबाज टिक नहीं पाए और 283 के स्कोर पर पारी समाप्त हो गई। जवाब में भारतीय पारी भी शुरूआत में लड़खड़ाने लगी। भारत ने चार विकेट 152 रन पर खो दिए। हालांकि रविचंद्रन अश्विन ने जयंत यादव के साथ पारी को संभाला लेकिन अश्विन भी लापरवाही भरा शॉट खेलकर 72 रन पर पवेलियन लौट गए। इसके बाद सर जडेजा मैदान पर उतरे और अपने बल्ले का कमाल दिखाया। जडेजा और अश्विन दोनों को ही ऑलराउंडर गेंदबाज के रूप में टीम में शामिल किया गया था लेकिन जडेजा अब तक इस सीरीज में ऐसी कोई पारी नहीं खेल पाए थे। उन्होंने इस पारी से अपनी कसर पूरी और दिखा दिया कि वह भी बढ़िया बल्लेबाजी कर सकते हैं। जडेजा शतक बनाने से चूक गए लेकिन इंग्लैड टीम के छेड़ने से नहीं। मैच के बाद जब उनसे पूछा गया कि वह शतक बनाने से पहले क्यों आउट हो गए तो जडेजा ने कहा कि वह इंग्लैंड के गेंदबाजों को ऊब गए थे। वाकई सर जडेजा के क्या ही कहने। ये भी पढ़ें: साल 2016 में भारतीय गेंदबाजी के पांच सबसे यादगार पल
3-विराट कोहली का दोहरा शतक और जयंत यादव की शतकीय पारी: इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने एक ही पारी में कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। यह धमाकेदार पारी खेली उन्होंने मुंबई के वानखेड़े आयोजित चौथे टेस्ट में। कोहली ने इस मैच में 340 गेंदों पर शानदार 235 रन बनाए और सर्वाधिक टेस्ट स्कोर बनाने वाले भारतीय टेस्ट कप्तान बन गए। इससे पहले यह रिकॉर्ड महेंद्र सिंह धोनी के नाम था जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में 224 रन बनाए थे। वहीं कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ सबसे ज्यादा रन बनाने का विनोद कांबली का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। कोहली टेस्ट में तीन दोहरे शतक लगाने वाले अकेले भारतीय हैं। इस मैच में कोहली के साथ साथ एक और खिलाड़ी था जिसने अपनी बल्लेबाजी से सभी का दिल जीत लिया, वह खिलाड़ी है जयंत यादव। जिन्हें बतौर गेंदबाज टीम में जगह दी गई थी लेकिन दिग्गज क्रिकेटर्स भी उनकी बल्लेबाजी के कायल हो गए। यादव ने मुंबई टेस्ट में अपने करियर का पहला शतक जड़ा। उन्होंने 204 गेंदो में 104 रन बनाए। जब मैदान पर एक साथ दो शतकवीर मौजूद हो तो एक यादगार पल बन जाता है। ये भी पढ़ें: साल 2016 में क्रिकेटरों द्वारा किए 10 सबसे खास ट्वीट
2- करुण नायर का तिहरा शतक: भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज के जिस मैच को मेहमान टीम सपने में भी नहीं भुला पाएगी वह है चेन्नई में खेला गया पांचवा टेस्ट। इस मैच में भारत के दो युवा बल्लेबाजों ने टेस्ट बल्लेबाजी के सारे नियम ही बदल दिए। पहले ही सीरीज हार चुकी इंग्लैंड टीम आखिरी मैच जीतकर वनडे सीरीज से पहले अपना हौसला बढ़ाना चाहती थी लेकिन करुण नायर और केएल राहुल ने उनके मंसूबो पर पानी फेर दिया। राहुल को जहां चोट को बाद चौथे टेस्ट से ही वापस लाया गया था वहीं नायर भी अपने करियर का तीसरा टेस्ट खेल रहे थे लेकिन किसे पता था कि यह दोनों बल्लेबाज इस तरह का प्रदर्शन करेंगे। राहुल ने चेपॉक टेस्ट में बेहतरीन 199 रन बनाए लेकिन वह दोहरा शतक बनाने से चूक गए। दूसरी तरफ नायर ने विस्फोटक बल्लेबाजी करते हुए तिहरा शतक जड़ दिया। नायर के 303 रनों की मदद से भारत ने टेस्ट का अपना सबसे बड़ा स्कोर बनाया। इस पारी के बाद नायर एक ही दिन में डेब्यू खिलाड़ी से स्टार क्रिकेटर बन गए और उनकी यह पारी साल 2016 की सबसे यादगार पारियों में से एक हो गई। ये भी पढ़ें: विराट कोहली ने साल 2016 में बनाए अनगिनत कीर्तिमान
1- टी20 विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विराट कोहली की पारी: साल 2016 की सबसे बेहतरीन पारियों में पहले स्थान पर हमने जगह दी है उस पारी को जिसने एक बार फिर भारत के विश्व विजेता बनने की उम्मीद जगाई थी। भारत में आयोजित टी20 विश्वकप में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए हुए इस मैच में जब भारत के सभी बल्लेबाज फ्लॉप हो गए थे तब विराट कोहली ने अकेले भारत को मैच जिताया और सेमीफाइनल में पहुंचाया। मोहाली में खेले गए इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 160 का स्कोर खड़ा किया। भारत को जीत के लिए जीत के लिए 161 रन चाहिए थे और दोनों सलामी बल्लेबाज सस्ते में पवेलियन लौट गए। ऐसी मुश्किल स्थिति में कोहली ने भारतीय टीम की जिम्मेदारी अपने कंधो पर ली। उन्होंने 51 गेंदों पर 160 के स्ट्राइक रेट से 82 रन जड़ दिए और भारत को सेमीफाइनल में जगह दिलाई। इस पारी को शीर्ष पर जगह इसलिए दी गई है क्योंकि यह ऐसा मैच था जिसे हर भारतीय ने देखा होगा और भारत के एक बार फिर विश्वकप जीतने की उम्मीद लगाई होगी। हालांकि भारत सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज से हार गया था लेकिन यह जीत बहुत बड़ी थी और यह खिलाड़ी भी।
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